Vinita gupta

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होली गीत

💐जय माँ शारदे 💐

विधा-  होली गीत
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आयो होली को त्योहार, कैसी अँगना उड़त गुलाल l

पीत रंग गोरी ओढ़ चुनरिया, गल बासंती माल ,
नैनन  कजरा नाक नथुनियां,गजरा बाँधे बाल ,
कमर में पहने करधनियां, और मस्तानी चाल l
आयो.........
ढोल बजावत है फगुनारे ,बजे मिरदंग औ झाल ,
रसिया फागें हिलमिल गावें  , नाचें  दै दै ताल l
 टेशू को रंग मिल के घोरो ,सब पे दीन्हों डाल l
आयो..........
भंग को रंग चढ़ो है ऐसो, सुधबुध बिसरा बैठे ,
फटे चिथे सब उन्ना पहने, मूंछें  अपनी   ऐंठे l
कारें मुँह के बंदरा लग रय , हँस हँस बुरो है हाल l
आयो........
गुझियाँ बनी पपरियां बन गईं,और बूँदी रसदार, 
शक्कर पारे बने थाल भर,लडूअन की है बहार l
बर्फी बन गई भंग भरी सो,    हुए  हाल  बेहाल l
आयो............
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विनीता गुप्ता, छतरपुर मध्यप्रदेश स्वरचित मौलिक, सर्वाधिकार सुरक्षित,

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6 Comments

Punam verma

25-Mar-2024 09:03 AM

Very nice👍

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RISHITA

24-Mar-2024 06:28 PM

👍👍👍

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HARSHADA GOSAVI

24-Mar-2024 05:59 PM

👌👌👌👌👌

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